लाइव: 10वीं विश्व आयुर्वेद एवं कांग्रेस स्वास्थ्य एक्सपो का शुभारम्भ⁶ *
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उत्तराखंड लागू -विजेता देश की प्रथम योग नीति -मुख्यमंत्री*
*10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं स्वास्थ्य एक्सपो – 2024 में मुख्यमंत्री प्रिंस सिंह धामी ने दी जानकारी।*
*केंद्र सरकार से उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का बहिष्कार*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रदेश सरकार देश की ‘प्रथम योग नीति’ को लागू करने की दिशा में काम कर रही है। योग नीति आयुर्वेद एवं योग को व्यापक स्तर पर ऐतिहासिक स्वास्थ्य क्षेत्र के साथ-साथ नई क्रांति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
गुरुवार को आयोजित विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं स्वास्थ्य एक्सपो-2024 के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री श्री पुष्प सिंह धामी ने कहा कि इस समारोह में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का संयुक्त भाषण हमारे लिए गौरव का विषय है। हमारे प्रदेश में आयोजित हो रहे हैं इस कार्यक्रम में 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि और 6000 से अधिक विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। एक्सपो में 250 से अधिक स्टॉल आयुर्वेद के वैश्विक स्तर पर स्टॉल का प्रमाण दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्प सिंह धामी ने कहा कि यह सम्मेलन आयुर्वेद के क्षेत्र की इकाई ज्ञान साझा करने और विभिन्न शोध पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देने के साथ-साथ सहयोग और व्यापार के नए अवसरों को बढ़ावा देगा। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन के माध्यम से प्रदेश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर कार्य करने की सलाह दी। वर्तमान में हमारे राज्य में आयुष आधारित 300 ‘आयुष्मान आरोग्य उपचार’ का ऑपरेशन चल रहा है। ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से 70 से अधिक विशेषज्ञों द्वारा परामर्श दिया जा रहा है। अब हर जिले में 50 बेड और 10 बेड वाले गेस्ट हाउस की स्थापना हो रही है। इसके अलावा सरकार हर जिले में एक गांव को आदर्श आयुष गांव के रूप में स्थापित कर औषधीय-औषधि-उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार आयुष निर्माण, वेलनेस, शिक्षा, अनुसंधान और औषधीय औषधियों के लिए ‘उत्तराखंड आयुष नीति’ को तेजी से लागू करने की योजना बना रही है। इसके साथ ही, प्रदेश सरकार आगामी वर्षों में आयुष टेली-कंसल्टेशन के साथ 50 नए योग और वेलनेस सेंटर स्थापित करने के साथ-साथ शोध के साथ काम कर रही है।
*उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का प्रस्ताव*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना को भारत सरकार के आयुष मंत्रालय से खारिज कर दिया है, यह संस्थान आयुर्वेद शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। सीएम ने विशेषज्ञ से सलाह लेते हुए कहा कि हमारे टूर-स्टैबा के अंग्रेजी कोचिंग के साथ-साथ को भी प्रचारित किया जाए। इससे संबंधित स्थानीय जड़ी-बूटी की वैश्विक बाजार तक पहुंच आसान हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर्वत में हम ‘किल्मोडे’ को तो जानते हैं लेकिन इसका अंग्रेजी नाम ‘बेरीबेरीज’ ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं, जबकि यह नाम पूरी दुनिया में दर्ज है और इसकी जड़ें हैं। इसलिए अंग्रेजी नाम का भी प्रचार किया जाना चाहिए।
*उत्तराखंड आयुर्वेद की प्रज्ञा भूमि*
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के प्राचीन काल से ही आयुर्वेद और औषधीय भंडार की प्रज्ञा भूमि बनी है। हमारे प्रदेश में पाई जाने वाली आयुर्वेदिक औषधि-बूटी ने आयुर्वेद को स्वास्थ्य के मूल तत्व के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद विश्व की एक विशेष विशिष्ट चिकित्सा प्रणाली है जो प्राचीन काल से ही मानव सभ्यता की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करती आ रही है। आयुर्वेद आयुर्वेद चिकित्सा- आयुर्वेद जीवन जीने की एक विशिष्ट कला है। ये हमें सही जीवन शैली के बारे में बताता है, इसके उद्देश्य को ठीक करना ही नहीं है बल्कि इसका अंतिम लक्ष्य रोग होना ही नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित ‘राष्ट्रीय मिशन’ और ‘प्रकृति परीक्षण अभियान’ जैसे विभिन्न कार्यक्रम आज शहरों से लेकर कश्मीर तक स्वास्थ्य स्थापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने स्टॉल का भी किया निरीक्षण.
केंद्रीय आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रताप राव विचारक ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दस वर्षों के दौरान पहली बार आयुष क्षेत्र में आयुष मंत्रालय का आठवां गुना बनाया गया है। अब आयुष और प्लांट उत्पाद विश्व के 150 से अधिक देशों में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद भी अब आर्टिफिशियल साइंटिफिक साइंसेज, मशीन लर्निंग कम्युनिकेशन की तरह की टेक्नोलॉजी को अपना कर आगे बढ़ा रहा है। आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रताप राव आयुर्वेद ने कहा कि भारत में लोग आमतौर पर आयुर्वेद से इलाज करना पसंद करते हैं, लेकिन गांव देहात में डॉक्टर एलोपैथिक औषधियों की सलाह सबसे ज्यादा देते हैं। ऐसा शायद इसलिए होता है क्योंकि आयुर्वेद की एक तो दवा कम है, फिर एक ही जगह पर सारी दवा मिलना मुश्किल है। इसलिए केंद्र सरकार सभी जिला, तहसील और गांव स्तर पर एक ही छत के नीचे आयुर्वेद की सभी दवाएं उपलब्ध कराने के लिए आयुष औषधियों की स्थापना का प्रयास कर रही है। ऐसा पहला केंद्र दिल्ली का अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान शुरू हुआ है। मूल में ऐसे केंद्र से दवाएँ लिखना आसान है। समीक्षा में कहा गया कि विश्व आयुर्वेद कांग्रेस नवीन संप्रदाय, प्राचीन संस्कृति और नवाचारों का संगम होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चार दिनों तक चलने वाले इस उत्सव के दौरान आस-पास के हजारों लोग यहां स्टॉल का भ्रमण करेंगे। यह व्यावसायिक अवसरों के लिए भी मंच प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने 29वीं बार प्रकृति परीक्षण अभियान शुरू किया है, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि विश्व आयुर्वेद सम्मेलन के आयोजन में आयुष संप्रदाय को वैश्विक स्तर पर मंजूरी में मदद मिले तो मिटती ही है, साथ ही आयोजन वाले क्षेत्र के आस-पास के इस सेक्टर का भी समावेश है। उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए उत्तराखंड के आदर्श राज्य के आकर्षणों का जिक्र करते हुए कहा कि आयुर्वेद के परामर्श में हिमालय की कई बूटियों के बारे में बताया गया है।
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*प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भेजा संदेश*
सम्मेलन में मुख्य सचिव मोदी रतूड़ी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा संदेश यहां पढ़ें। उद्घाटन सत्र को राष्ट्रीय समारोह सचिव, विज्ञान भारती डॉ. शिव शर्मा, दसवें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के अध्यक्ष वैद्यनाथ वॉरियर, उत्तराखंड शासन में सचिव आयुष कुमार रविनाथ रमन ने भी निंदा की।
इस संस्था में प्रदेश सरकार के मंत्री श्री सतपाल महाराज, श्री प्रेमचंद अग्रवाल, डॉ. धन सिंह रावत, विधायक खजान दास, सविता कपूर, शर्मा काऊ, किशोर उपाध्याय, किशोर के किशोर अनुराग शर्मा, आचार्य बालकृष्ण प्रमुख रूप से शामिल हुए।
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मुख्यमंत्री युवराज सिंह धामी ने गुरुवार को मेमोरियल मैदान में चल रहे लोन बॉल कैंप का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों से अपनी पढ़ाई अफजाई की मुलाकात की। प्लेयर्स का स्टॉक शेयरहोल्डिंग प्रमुख मुख्यमंत्री युराजन सिंह धामी खुद भी मैदान पर उतरे, बॉल में हाथ मिलाया।
मुख्यमंत्री ने आगामी 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए शिविर में उपस्थित खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और अधिकारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं और सरकार उनकी हरसंभव सहायता के लिए आवेदन कर रही है।
मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों को मेहनत और अनुशासन के साथ खेल के प्रति समर्पित रहने को कहा।
इस अवसर पर विशेष रूप से मुख्य सचिव खेल श्री अमित सिन्हा, खेल निदेशक श्री प्रशांत आर्य, श्री धीरे आनंदेन्द्र सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।
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उत्तराखंड के तेज कदम में प्रकृति परीक्षण अभियान*
*राज्य की प्रगति से केंद्र बिंदु, उत्तराखंड से ही सबसे ज्यादा उम्मीद*
*आयुर्वेद मंत्रालय के माध्यम से लोगों का स्वास्थ्य परामर्श*
*आयुर्वेद के दावे से उत्तराखंड की है विशिष्ट स्थिति*
केंद्र सरकार के अत्यंत महत्वपूर्ण प्रकृति परीक्षण अभियान में उत्तराखंड के कदम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। आयुर्वेद के माध्यम से हर एक नागरिक के उत्तम स्वास्थ्य के संकल्प वाले इस अभियान में राज्य की प्रगति से लेकर केंद्र सरकार शामिल है। आयुर्वेद के मामले में प्रदेश की विशिष्ट स्थिति की वजह से केंद्र सरकार को सबसे ज्यादा उम्मीद उत्तराखंड से है।
विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं स्वास्थ्य एक्सपो-2024 की रोशनी उत्तराखंड में प्रकृति परीक्षण अभियान के और तेज होने की उम्मीद की जा रही है। दरअसल, केंद्रीय आयुष मंत्रालय इन दिनों पूरे देश में प्रकृति परीक्षण अभियान चला रहा है। इसमें किसी भी व्यक्ति की प्रकृति को आयुर्वेद के नजरिए से देखा जा रहा है। यानी किसी भी व्यक्ति में वात, पित्त और कफ या आयुर्वेद के त्रिदोष सिद्धांत के आधार पर स्वास्थ्य की स्थिति क्या है, इसका आकलन किया जा रहा है। यह अभियान 29 अक्टूबर से शुरू हुआ है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में किया। यह अभियान 25 दिसंबर तक चलेगा। इस अभियान के तहत पूरे देश में एक करोड़ लोगों का प्रकृति परीक्षण का संकल्प सामने आया है।
विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं स्वास्थ्य एक्सपो में भाग लेने के लिए आए केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रताप राव आयुर्वेद के अनुसार-उत्तराखंड देवभूमि और आयुर्वेद के दावे सबसे समृद्ध हैं। देवभूमि के लोगों के स्वास्थ्य के लिए प्रकृति परीक्षण अभियान के माध्यम से कार्य किया जा रहा है। आयुष केंद्रीय सचिव वैद्यराज राजेश कुटेचा के अनुसार-प्रकृति परीक्षण अभियान के पूरे देश में अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। उत्तराखंड भी इस अभियान में देश के साथ महान कदमताल कर रहा है।
उत्तराखंड के आयुर्वेद मामले में विशिष्ट स्थिति है। इसलिए हमें उत्तराखंड से खास उम्मीद है। अभी तक हमने जो पाया, उसके अनुसार, उत्तराखंड की प्रगति बहुत अच्छी है। मुख्यमंत्री पी. सिंह धामी आयुष के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए बहुत अच्छे कार्य कर रहे हैं। इस अभियान की शुरुआत से पहले उन्होंने लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए कई अच्छे कदम उठाए हैं।
-दासुतो गुप्ता, सचिव, देश का प्रकृति परीक्षण अभियान।
*मुझे हमेशा से यही विश्वास है कि उत्तराखंड आयुर्वेद की शुरुआत ही प्रज्ञा भूमि से हुई है। आयुर्वेद में केवल उपचार की चिकित्सा पद्धति नहीं है, बल्कि इसके स्थान पर आगे की जीवन शैली की विशिष्ट कला है। प्रकृति परीक्षण अभियान और केंद्र के आयुष
एसोसिएटेड स्टेट एप्लीकेशंस के मार्फ़त लोगों का उत्तम स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास जारी है
। पूर्व में धामी ने घोषणा की थी कि अगले विश्व साक्षात्कार दिवस के तहत सभी इच्छुक जानो को जिलेवार विशेष शिविर का आयोजन किया जाएगा जिसमें उनकी आवश्यकता के उपकरण, उपकरण निःशुल्क उपलब्ध होंगे और छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा के लिए निःशुल्क ऑन लीन कोचिग व्यवस्था शामिल होगी। प्रस्ताव दिया जाएगा। संस्करण की प्रस्तुति दी गई है।
मुख्यमंत्री विद्यानसभा क्षेत्र रुद्रपुर के ग्रामीण क्षेत्र हरिचंद गुरुचंद बंग द्वारा विशाल सोसायटी भवन के निर्माण में 69.19 लाख की वित्तीय सहायता के साथ बलभद्र खलंगा कार्यक्रम के आयोजन में 5 लाख की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री ने बेस इंकलाब, चार्टेड मोटर मार्ग के स्थान से एप्रोच रोड का निर्माण, जिला अस्पताल, चार्टर्ड हाउस, लोक निर्माण विभाग के सरकारी आवास का विस्तार जाना, ध्वज जयंती माता मंदिर में शिष्यों की सुविधा विकास कार्यों के बारे में जानें और तहसील मुख्यालय देवस्थल आयोजित होने वाले वाले बराक महोत्सव के कार्यक्रम में पियानो पांच लाख की आर्थिक अनुदान सूची की पेशकश की गई है।
मुख्यमंत्री ने सीपू (गलाती नाली) एवं कालिका बाग (पुल तक) धारचूला, में आश्विन कार्य के साथ जाने, अयोध्या में निवास क्रिटिकल ट्राइब को प्रशिक्षण दिया, मुख्य राज मार्ग धारचूला-टनकपुर से संपर्क मार्ग ओगला हशेश्वर मिलन का कार्य के साथ मूलघाट से जौलजीवी सड़क मार्ग में तालेश्वर मंदिर के घाट दोनों और स्वागत द्वार के निर्माण के संबंध में भी प्रस्ताव दिया गया है।
मुख्यमंत्री द्वारा सारकोट से भराड़ीसैंण मोटर मार्ग का नाम उनके शहीद स्व0 श्री वासुदेव के नाम पर आदर्श ग्राम सभा बनाने की घोषणा की गई है।
मुख्यमंत्री ने समा क्षेत्र कर्णरायग स्थित घाट के एकमात्र दानवीर कर्ण के मंदिर के सौन्दर्यीकरण खंड के अवशेष के दिव्यांश का आख्यायिका उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
[12/12, 5:24 एटीए] +91 70550 07046: *राज्य की आर्थिक वृद्धि के लिए नवप्रवर्तन पर विशेष ध्यान दें-मुख्यमंत्री*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को कोलोराडो द्वीप समूह @2025 की समीक्षा करते हुए कहा कि पूर्व में उत्तराखंड के रजत उत्सव तक सभी को दो-दो गेम चांगलर की मंजूरी पर कार्य करने के निर्देश दिए गए थे। सभी को इस संबंध में हुई कार्य प्रगति का स्पष्ट विवरण आगामी बैठक में उपलब्ध दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 2027 तक जीपीएस सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी विभाग, मध्यकालिन एवं डायरैक्शन योजना पर तेजी से काम करें। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कौन सा काम करता है। उनके परिणाम अनुभागीय पर पूर्ण रूप से दिखाई देते हैं। कार्य की गुणवत्ता और समयबद्धता का विशेष ध्यान रखा जाये। आतंकवादी संगठन में सचिव और विभाग प्रमुखों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदर्श पर्वत की दिशा में तेजी से काम करना राज्य के अधिकारियों का दायित्व है। राज्य की आर्थिक वृद्धि के लिए नवप्रवर्तन पर विशेष ध्यान दिया जाए। कृषि, बागवानी, ऊर्जा, पर्यटन, आयुष जैसी कृषि राज्य में कई छुट्टियाँ हैं। इन इलाक़ों में रोज़गार की भी झलक दिख रही है। इन एशिया पर विशेष ध्यान दिया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच समिति के दौरान निवेश को तेजी से जमीन पर उतारने का एक और ठोस प्रयास किया जाना चाहिए।
बैठक में उपाध्यक्ष एवं स्थापना अनुश्रवण परिषद श्री विश्वास डाबर, सेतु के उपाध्यक्ष श्री राजशेखर जोशी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, मुख्य सचिव श्री आर. के. सुधासिंशु, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली, श्री दिलीप जावलकर, डॉ. बी.वी.आर.सी.पुरुषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पैवेलियन, डॉ. रंजीत सिन्हा, श्री विनय शंकर पेंडे, श्री एस.एन. संबद्ध अधिकारी उपस्थित थे।
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*दिनांक 13 दिसंबर 2024 को 10 वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं स्वास्थ्य एक्सपो – 2024 में निम्न प्रकार से इवेंट शामिल होंगे:*
1. समय सुबह 9:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक – गंगा हाल में प्लेनेटरी सत्र के रेग स्मार्टफोन *न्यू एज कोड, आयुर्वेद आहार एवं एविडेंस बेस्ड आयुर्वेदा* विषय पर व्याख्यान दिया जाएगा।
उसके बाद दोपहर 1:30 बजे से रात 8:00 बजे तक निम्न प्रकार से प्लेनेटरी सत्र में व्याख्यान होगा:-
अलकंदा हाल में- *अस्थि संधि मर्मज्ञ रोग*
मंदाकिनी हाल में – *आयुर्वेद पर सार्वजनिक स्वास्थ्य*
भागीरथी हाल में- *छाया एवं विज्ञान विकृति*
धौली गंगा हाल में- *रसायन एवं वाजीकरण*
पिंडर हाल में- *कौमार वृत्ति (बाल रोग क्षेत्र)*
मन्दक एविनी हाल में- *रस शास्त्र भैषज्य कल्पित*
कोसी हाल में – *द्रव्य गुण*
गिरी हाल में- *मनोविज्ञान (मानस रोग)*।
[12/12, 6:51 एटीए] +91 70550 07046: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से गुरुवार को उत्तराखंड के चारधाम तीर्थयात्रियों के सहयोगी और पंडा पुजारियों के मित्र। उन्होंने बद्रीनाथ, देवभूमि, गंगोत्री और यमुनोत्री के शीतकालीन दर्शनीय स्थलों में मुख्यमंत्री की भूमिका निभाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस शीतकाल में उत्तराखंड के सफल ऑपरेशन में चार धाम तीर्थ पुरोहितों महा पंचायत के साथ अन्य सभी यात्रा संबंध सहयोगियों और संगठन आदि को भी सहयोगी बनाया जाएगा। राव ने कहा कि शीतकालीन यात्रा की सफलता सेंक ऑपरेशन हो, इसके लिए सभी सम्बद्ध अधिकारियों को आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। शीतकालीन यात्रा से राज्य की आर्थिकी में भी मदद की गई जहां स्थान और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए। पंच बद्री एवं पंच केदार के साथ ही चारों धामों के शीतकालीन भ्रमण के लिए आसपास के प्रमुख तीर्थ एवं पर्यटन स्थलों का विकास करने के लिए भी अधिकारी निर्देशित हैं। चारधाम यात्रा के लिए नामांकन वाले क्षेत्र में अनंतिम व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी सम्बद्ध मंडल के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
महा पंचायत के सदस्यों और पंडा पुजारियों ने मुख्यमंत्री को इस बारे में चिंतित किया कि उत्तराखंड के चार धाम, मूर्ति और बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने के बाद इन धामों की शीतकालीन पूजा, मां यमुना की खरसाली (खुशी मठ) मां गंगा मुखवा (मुखीमठ), भगवान की पूजा ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ और भगवान कुबेर की पूजा पांडुकेश्वर तथा पत्थर की गद्दी स्थल ज्योतिर्मठ के नृसिंह मंदिर में की जाती है। है. चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों एवं पुजारी समाज द्वारा मुख्यमंत्री द्वारा चारों धामों के शीतकालीन पूजा स्थलों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया, साथ ही इन पूजा तीर्थों में भी शामिल होने का आग्रह किया गया।
इस पर चारधाम मठ के अध्यक्ष गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव श्री सुरेश सेमवाल, अध्यक्ष महंत सती, मीडिया पुरोहित सती, प्रशांत डिमरी आदि अन्य उपस्थित थे।