वाराणसी, झारखंड के गढ़वा जिले के निवासी और सर्वोदय कार्यकर्ता रामाशंकर चौबे सत्याग्रह के क्रम में आज उपवास पर बैठे हैं।

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*उन्नीसवां दिन*29 सितंबर 2024 सत्याग्रह स्थल राजघाट,वाराणसी

*न्याय के दीप जलाएं – 100 दिनी सत्याग्रह* सर्व धर्म प्रार्थना के साथ सुबह 6 बजे अपने 19 वें दिन में प्रवेश कर गया। झारखंड के गढ़वा जिले के निवासी और सर्वोदय कार्यकर्ता रामाशंकर चौबे सत्याग्रह के क्रम में आज उपवास पर बैठे हैं।

रामाशंकर की प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई। उन्होंने शिक्षा पूरी करने के बाद जन विकास धारा आर्गेनाइजेशन की स्थापना किया और शिक्षा, स्वास्थ्य, नशाबंदी एवं पर्यावरण के विषयों पर चेतना जागरण की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2002 में लोक समिति से जुड़े और गांधी, विनोबा और जयप्रकाश नारायण के विचारों से प्रेरित हुए।
सर्व सेवा संघ परिसर के ध्वस्तीकरण से मन को गहरा आघात लगा। इसी क्षोभ को आवाज देने के लिए वे आज उपवास पर बैठे हैं।

आज के सत्याग्रह में उड़ीसा के जाने-माने समाजकर्मी और *ग्रीन नोबेल पुरस्कार प्राप्त प्रफुल्ल सामंतरा* शामिल हुए और एक सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सर्व सेवा संघ परिसर मे राष्ट्र की एकता और सेवा का तालीम दिया जाता था। यहां पुस्तकालय और प्रकाशन का केंद्र था, इसे नष्ट किया गया, एक विचार को नष्ट करने का षड्यंत्र रचा गया। वह विचार है – सभी धर्म के लोग आपसी सामंजस्य और सद्भाव के साथ जीवन व्यतीत करें। जो धर्म को नहीं मानते हैं या फिर किसी भी धर्म के हो, सबके लिए यह राष्ट्र बराबर है, सभी को बराबरी का अवसर मिलेगा। यह प्रावधान हमारे संविधान के द्वारा सुनिश्चित किया गया है। आज की सरकार इस विचार को खत्म करना चाहती है और धार्मिक वर्चस्व कायम करना चाहती है। *धर्मनिरपेक्षता और सर्वधर्म समभाव के मूल्य स्वतंत्रता आंदोलन से विकसित हुए हैं। हम इस विचार की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध हैं*। यह सत्याग्रह सिर्फ किसी भवन की हिफाजत के लिए नहीं है बल्कि मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए है। यह सत्याग्रह जारी रहेगा। *हम अपना परिसर भी वापस लेंगे और धार्मिक भेदभाव, हिंसा और नफरत को भी समाप्त करेंगे।*

आज के सत्याग्रह में डा विश्वजीत, अरविंद कुशवाह, जागृति राही, अशोक भारत, सुखचंद्र झा, सुरेंद्र सिंह, वल्लभ पांडे, नमो नारायण, विद्याधर, नंदलाल मास्टर आदि शामिल हुए।

*डा विश्वजीत*
सत्याग्रह प्रभारी

*अरविंद कुशवाह*
कार्यक्रम प्रभारी