वैश्विक भाषा, कला एवं संस्कृति संगठन के शुभारंभ पर प्रथम यूरोपीय काव्य संध्या का आयोजन डेनहाग, नीदरलैंड में संम्पन

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*वैश्विक भाषा, कला एवं संस्कृति संगठन के शुभारंभ पर प्रथम यूरोपीय काव्य संध्या का आयोजन डेनहाग, नीदरलैंड में संम्पन *

The first European poetry evening was held in Denhaag, Netherlands to mark the launch of the World Language, Arts and Culture Organisation

बहुत से हिंदी अखबारों ने अपने अखबारों में इस बारे मे छापा हैं जिनमें राजस्थान पत्रिका,गुड़गांव टुडे,दिन प्रति दिन, समाज्ञा , कोलकता से सारांश,
और लंदन से प्रकाशित होने वाली हिन्दी पत्रिका ‘पुरवाई ने भी प्रमुख रूप से स्थान दिया आपकी शुभकामनाओं और दुआओं से ही से ये सम्भव हो पाया है,
कपिल कुमार
बेल्जियमJ

 

वैश्विक भाषा, कला एवं संस्कृति संगठन के भव्य शुभारंभ के अवसर पर प्रथम यूरोपीय काव्य संध्या का आयोजन डेनहेग, नीदरलैंड में संस्था के संस्थापक कपिल कुमार, बेल्जियम, विश्वास दुबे, नीदरलैंड एवं डॉ. शिप्रा शिल्पी सक्सेना, जर्मनी के संयोजन एवं संचालन में किया गया।

इस अवसर पर संस्था के संरक्षको प्रसिद्ध कथाकार एवं साहित्यकार तेजेंद्र शर्मा ने ब्रिटेन से तथा नीदरलैंड की सुविख्यात साहित्यकार एवं कवयित्री प्रो. पुष्पिता अवस्थी ने कार्यकम में स्वयं उपस्थित होकर अपनी मंगलकामनाएं प्रेषित की।

डॉ. शिप्रा सक्सेना ने प्रेस को बताया कि वैश्विक भाषा, कला एवं संस्कृति संगठन ( Global language Art and Culture Organisation – GLAC) संस्था के शुभारंभ के अवसर पर यूरोप के अनेक देशों के साहित्यकार, कवि, पत्रकार एवं विचारकों के साथ भारत एवं मॉरीशस के गणमान्य अतिथि भी कार्यक्रम में शामिल हुए। साधना टी. वी. Ishedan TV और Satmola कवियों की चौपाल की के संस्थापक प्रवीण आर्य जी और हिंदी ख़बर टीवी चैनल के अतुल कुमार जी ने भी कार्यक्रम की सफलता की बधाई दी।
Gio गीता की तरफ़ से डॉ मार्कंडेय आहूजा जी ने भी
कार्यक्रम की सफ़लता की बधाई दी

कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वास दुबे ने सभी का स्वागत कर के किया साथ ही कार्यक्रम की रूपरेखा से भी अवगत कराया। डॉ शिप्रा सक्सेना ने मधुर कंठ से “गूंज रही है कान में वीणा की झंकार, अर्पण है मां आपको भावों का यह हार” सुंदर दोहों से मां वीणा वादिनी को नमन करते हुए काव्य संध्या को गति प्रदान की। ।

संगठन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कपिल कुमार ने कहा अभी तक यूरोप के अलग अलग देशों में भाषा, कला एवं संस्कृति की दिशा में अच्छा कार्य किया जा रहा था किंतु ये कार्य बिखरा हुआ था, GLAC पहला ऐसा यूरोपीय संगठन है जो सारे यूरोप को ही नहीं वरन सम्पूर्ण विश्व को एक साथ मिलकर कुछ अनूठा, कुछ नवीन एवं सार्थक कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा एवं सभी को एक वृहद वैश्विक मंच प्रदानकरेगा

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*26 वां दिन*
6 अक्टूबर 2024
सत्याग्रह स्थल
राजघाट,वाराणसी

*न्याय के दीप जलाएं- 100 दिनी सत्याग्रह* आज 26 वें दिन में प्रवेश कर गया। सत्याग्रह में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के निवासी *सुरेंद्र नारायण सिंह* और उनके साथ वाराणसी के *डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद सिंह* उपवास पर बैठे हैं। सुरेंद्र नारायण सिंह हैदराबाद की एक निजी कंपनी में कार्यरत थे जहां उन्हें विनोबा भावे से प्रेरणा मिली। वे वहां की नौकरी छोड़कर वाराणसी आ गए और 1980 में सर्व सेवा संघ प्रकाशन में एक कार्यकर्ता के रूप में योगदान दिया। तब से लेकर आज तक ये अनवरत अत्यंत मनोयोग के साथ इसमें लग रहे। गत वर्ष जब परिसर एवं प्रकाशन को ध्वस्त किया गया तब इसे फिर से सहेजने में इनका विशिष्ट योगदान है। कठिन से कठिन परिस्थिति में धैर्य न खोने वाले *सुरेंद्र नारायण* अपने गांव में ईट भट्ठे से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए काफी संघर्ष किया और सफलता पाई। *डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह* ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक कला विभाग में प्राध्यापक के रूप में शिक्षण कार्य किया है। वे गत दो दशकों से भ्रष्टाचार विरोधी तथा किसान आंदोलन से जुड़े रहे हैं।

आज के सत्याग्रह में मऊ से *आईकैन* संयोजक *अरविंद मूर्ति* के नेतृत्व में एक टीम शामिल हुई। *अरविंद मूर्ति* ने साफगोई से कहा कि घृणा की विचारधारा को मानने वाले अपनी कायरता को हिंसक गतिविधियों के आवरण में छिपाना चाहते हैं। उन्हें यह विश्वास नहीं है कि समाज उनके विचार को सहज रूप से स्वीकार करेगा। इसलिए वे तमाम किस्म के अनैतिक हथकंडे अपनाते हैं। *गांधी की हत्या और गांधी विचार से प्रेरित संस्थाओं को ध्वस्त कर वे मानवता के विचार को खत्म नहीं कर सकते।* हमें इस सत्य पर भरोसा है और इसी का आग्रह लेकर यहां सत्याग्रह में शामिल हैं।

मऊ से कृष्णदेव, रश्मि सिंह, मिर्जापुर से संध्या, किरण, आशा ट्रस्ट के प्रदीप की देख -रेख में *बापू चित्र प्रदर्शनी* लगाई गई। चिंतामणी, हरिश्चंद्र बिंद, उर्मिला, महेंद्र, रमेश, हौसिला, संयुक्त किसान मोर्चा के रामजनम शामिल हुए। दिल्ली से प्रकाश, रामकिशोर, विमलेश, देवरिया के अयोध्या प्रसाद सत्याग्रह स्थल पर आकर अपना समर्थन दिया। *झारखंड जेम्स हेरेंज शामिल हुए और प्रशासन की सद्बुद्धि की कामना करते हुए प्रार्थना किया।*

सत्याग्रह स्थल पर आयोजित सभा मे बनारस के नाविकों, दुकानदारों, फेरी -पटरी वालों तथा ऑटो- टोटो चालकों पर हो रहे प्रशासन के जुल्म को उजागर किया गया। *बनारस की गंगा को धीरे-धीरे कॉर्पोरेट के हवाले किया जा रहा है*। पारंपरिक नाव चलने बंद हो रहे हैं और क्रूज चलाए जा रहे हैं। वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने के नाम पर गरीब वर्ग को उजाड़ा जा रहा है

सभा का संचालन वरिष्ठ गांधीवादी विद्याधर ने किया।

*नंदलाल मास्टर, जागृति राही*

सत्याग्रह प्रभारी