
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम यात्रा के संबध में सोशल मीडिया में झूठी अफवाह फलाने वाले लोगों को लेकर तीर्थपुरोहित में आक्रोश है। तीर्थपुराहितों ने धाम व यात्रा के बारे में फैलाई जा रही अफवाहों पर यात्रियों से ध्यान ना देने की अपील की है। उनका कहना है कि चारधाम यात्रा की सारी व्यवस्थाएं दुरूस्त है।
वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित उमेश पोस्ती ने मीडिया ने कहा कि केदारनाथ धाम में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं। 30 हजार यात्री प्रतिदिन आराम से यहां रह सकते हैं। मंदिर समिति, स्थानीय व्यापारी, तीर्थ पुरोहित समाज और प्रशासन एवं पुलिस श्रद्धालुओं की सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों पर ध्यान न दें। अब घोड़े- खच्चरों का संचालन भी दोबारा शुरू हो गया है। खास बात यह है कि टोकन सिस्टम लागू होने से श्रद्धालुओं को दर्शन भी आराम से हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर घोड़ों का संचालन ना होना, रहने खाने की व्यवस्थाएं ना होना और अन्य व्यवस्थाओं पर सवाल उठाकर भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं। जिसका तीर्थ पुरोहित समाज ने खंडन किया है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष रावत ने बताया कि इक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस के चलते केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर संचालित हो रहे घोड़े- खच्चरों के स्वास्थ में अब सुधार आने लगा है। ट्रायल एवं स्वास्थ जांच के बाद शनिवार शाम में करीब 350 घोड़े- खच्चरों को यात्रा पर भेजा गया, जबकि रविवार को करीब 800 स्वस्थ घोड़े- खच्चरों को यात्रा मार्ग पर भेजा गया। हालांकि घोड़े- खच्चर मालिकों को हिदायत दी गई है कि बीमारी का कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत जांच के लिए लाएं। उधर डंडी- कंडी संचालक भी मुस्तैदी से अपना कार्य कर रहे हैं.। अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत रुद्रप्रयाग संजय कुमार ने बताया कि प्रतिदिन 1000 से 1200 श्रद्धालु डंडी- कंडी से धाम पहुंच रहे हैं, जबकि लगभग 1000 डंडी- कंडी एवं पिट्ठू संचालक खाद्य एवं अन्य सामग्री की आपूर्ति में जुटे हुए हैं। इस कठिन समय में जिला पंचायत की निगरानी में डंडी -कंडी संचालक यात्रा प्रबंधन में अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं और सभी का यही कहना है कि यात्रा संचालन में कोई कमी नहीं आने देंगे।