मुख्यमंत्री ने किया चार हेली सेवाओं का शुभारंभ

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मुख्यमंत्री ने किया चार हेली सेवाओं का शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को चार हेली सेवाओं का हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया है। इन सेवाओं के जरिए जरिए देहरादून से नैनीताल, बागेश्वर और मसूरी और हल्द्वानी से बागेश्वर का हवाई सम्पर्क स्थापित हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “उड़ान“ योजना के अंतर्गत शुरू की जा रही इन चार हेली सेवाओं से राज्य में पर्यटन एवं आर्थिक विकास को गति मिलेगी। बेहतर कनेक्टिविटी से स्थानीय लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आयेंगे। बागेश्वर नैनीताल और मसूरी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। इन क्षेत्रों की प्राकृतिक सुंदरता, शांत वादियाँ, हरे-भरे पहाड़, ऐतिहासिक मंदिर और समृद्ध संस्कृति देश और दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। नैनीताल अपनी मनोरम झीलों, नयना देवी शक्तिपीठ और कैंची धाम जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। सरयू और गोमती नदी के पावन संगम पर स्थित बागेश्वर का क्षेत्र, पवित्र बागनाथ मंदिर और प्रसिद्ध उत्तरायणी मेले के लिए जाना जाता है। हेली सेवा की शुरुआत से अब इन क्षेत्रों की प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों का आनंद लेने वाले पर्यटक यहां और भी आसानी से पहुँच सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून से इन स्थानों पर पहुंचने में सड़क मार्ग से लगभग 8 से 10 घंटे लगते हैं, इस सेवा के प्रारंभ होने से यह यात्रा करीब 1 घंटे की हो जाएगी। इमरजेंसी की स्थिति में इन क्षेत्रों में रहने वाले हमारे लोगों को बहुत सहायता मिलेगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आम आदमी को भी हवाई यात्रा करने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से उड़ान योजना प्रारंभ की थी। इस योजना ने प्रदेश में हवाई संपर्क को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जिसके अंतर्गत राज्य के कई हिस्सों में हवाई पट्टियों और हेलीपोर्ट्स का विकास किया गया है। राज्य में 18 हेलीपोर्ट्स से हेली सेवाओं के संचालन की दिशा में कार्य किया जा रहा है, जिनमें 2wŵx̌से अब तक 12 हेलीपोर्ट्स पर सेवाएं सफलतापूर्वक प्रारंभ की जा चुकी हैं। इन हेली सेवाओं से अब तक गौचर, श्रीनगर, चिन्यालीसौड़, हल्द्वानी, मुन्स्यारी, पिथौरागढ़, पंतनगर, चंपावत और अल्मोड़ा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को सफलतापूर्वक जोड़ा जा चुका है। उन्होंने कहा कि हेली सेवाएं राज्य में न केवल आवागमन को सुगम बनाएंगी, बल्कि दैवीय आपदा के समय राज्य के दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों के लिए भी एक जीवनरेखा के रूप में भी कार्य करेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में हवाई संपर्क को और अधिक सशक्त बनाने के लिए घरेलू उड़ानों को बढ़ावा देने के साथ ही उत्तराखंड को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के विस्तार के लिए भी लगातार प्रयासरत है।

*सीएम ने यात्रियों से की वर्चुअल बातचीत*

मुख्यमंत्री ने इन हेली सेवाओं के शुभारंभ अवसर पर इनसे यात्रा करने वाले लोगों से वर्चुअल माध्यम से बातचीत भी की। सबंधित क्षेत्रों के विधायकगणों, अन्य जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय लोगों ने इन सेवाओं के शुभारंभ करने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ, श्री खजानदास, श्रीमती सविता कपूर, श्री बृज भूषण गैरोला, मेयर देहरादून श्री सौरभ थपलियाल, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, सचिव श्री सचिन कुर्वे, गढ़वाल कमिश्नर श्री विनय शंकर पाण्डेय, मुख्य कार्यकारी अधिकारी युकाडा श्रीमती सोनिका, वर्चुअल माध्यम से विधायक श्री सुरेश गड़िया, श्रीमती पार्वती दास, श्री राम सिंह कैड़ा एवं अन्य जन प्रतिनिधि उपस्थित थे।

*सप्ताह में सात दिन संचालित होगी सेवा*

देहरादून से मसूरी की हेली सेवा उत्तराखंड हवाई सम्पर्क योजना के तहत संचालित की जा रही है, जबकि शेष तीन हेली सेवाएं केंद्र सरकार की क्षेत्रीय सम्पर्क योजना के तहत संचालित की जा रही हैं। देहरादून – मसूरी के बीच पांच सीटर, जबकि शेष जगहों के लिए सात सीटर हेलीकॉप्टर सेवाएं देगा। देहरादून से बागेश्वर, नैनीताल और और हल्द्वानी से बागेश्वर की हेली सेवा सप्ताह में सातों दिन दिन में दो बार संचालित होगी। जबकि मसूरी देहरादून हेली सेवा पहले माह में प्रतिदिन एक उड़ान भरेगी।

*किराया विवरण*
01 – देहरादून – नैनीताल
किराया – 4500 प्रति यात्री
देहरादून से उड़ान- सुबह 8.15, दोपहर- 02.25 बजे
नैनीताल से उड़ान- सुबह 9.10, दोपहर- 03.20 बजे

02 – देहरादून – बागेश्वर
किराया – 4000 प्रति यात्री
देहरादून से उड़ान- सुबह 10.20, दोपहर- 12.30 बजे
बागेश्वर से उड़ान- सुबह 11.10, दोपहर- 01.20 बजे

03 – हल्द्वानी – बागेश्वर
किराया – 3500 प्रति यात्री
हल्द्वानी से उड़ान- सुबह 08.30, दोपहर- 02.45 बजे
बागेश्वर से उड़ान- सुबह 09.00, दोपहर- 03.00 बजे

04 – देहरादून – मसूरी
किराया – 2578 प्रति यात्री
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मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी वाडिया इंस्टीट्यूट में जलवायु परिवर्तन एवं नवीकरणीय ऊर्जा- चुनौतियाँ और समाधान’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में शामिल हुए। सीएम ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में जलवायु परिवर्तन संपूर्ण विश्व के लिए एक गंभीर चुनौती के रूप में सामने खड़ा है। उन्होंने पिछले वर्ष की गर्मी के अनुभव को याद करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण देहरादून सहित विभिन्न पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान पहले की तुलना में बहुत अधिक रहा। ऐसे समय में, जलवायु परिवर्तन को लेकर जागरूकता फैलाने एवं इसके समाधानों पर गहनता से चर्चा करने का एक सराहनीय प्रयास है। यह संगोष्ठी न केवल जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को समझने का एक अवसर है, बल्कि पर्यावरण के प्रति हमारे संकल्पों को मजबूती देने का भी एक विशिष्ट मंच है ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में “हरियाली मिशन“ के अंतर्गत लाखों की संख्या में पौधे रोपे जा रहे हैं। “जल शक्ति अभियान“ के माध्यम से 1000 गाँवों में तालाबों और पारंपरिक जल स्रोतों को भी पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन ऑथोरिटी का गठन भी किया है, जिसके अन्तर्गत अभी तक 5500 जलीय स्त्रोतों तथा 292 सहायक नदियों का चिन्हीकरण कर उनका उपचार किया जा रहा है। वाडिया इंस्टीट्यूट के सहयोग से हमने ग्लेशियर अध्ययन केंद्र भी स्थापित किया है, जिससे हम प्रकृति द्वारा दिए जाने वाले संकेतों को समझ सकें और उसके क्षरण को रोकने हेतु प्रभावी नीतियाँ बनाकर कार्य कर सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन ग्रीन-गेम्स की थीम पर किया गया। पूरे आयोजन के दौरान मेडल प्राप्त करने वाले सभी खिलाड़ियों के नाम पर एक-एक रूद्राक्ष के पौधे लगाकर 2.77 हेक्टेयर वन क्षेत्र को ’खेल वन’ के रूप में स्थापित किया गया। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जहां जीडीपी की तर्ज़ पर जीईपी यानि ग्रोस इनवायरमेंट प्रोडक्ट का इंडेक्स तैयार कर जल, वन, भूमि और पर्वतों के पर्यावरणीय योगदानों का आँकलन करने का प्रयास हो रहा है। जीवाश्म आधारित ईंधन के स्थान पर ग्रीन ऊर्जा को वृहद् स्तर पर प्रोत्साहित किया जा रहा है। “नई सौर ऊर्जा नीति” लागू करने के साथ ही वर्ष 2027 तक 1400 मेगावाट सोलर क्षमता पाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में “पी०एम० सूर्यघर योजना” और “मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना” के अंतर्गत सब्सिडी का लाभ उठाकर बड़ी संख्या में लोग सोलर पैनल लगवा रहे हैं।

वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वन संपदाओं को संरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि स्थानीय लोगों को वनों से जोड़ा जाए। इससे हमारे वन भी संरक्षित रहेंगे और लोगों को आजीविका भी मिलेगी। वनों में लगने वाली आग को न्यून करने के लिए विस्तृत प्लान बनाया गया है।

इस मौके पर लोक गायक श्री नरेंद्र सिंह नेगी, यूथ फाउंडेशन के संस्थापक कर्नल अजय कोठियाल(से नि), प्रमुख वन संरक्षक डॉ धनंजय मोहन, निदेशक वाडिया डा विनीत कुमार गहलोत, वैज्ञानिक डॉ जे बी सिंह, डा हृदया चौहान सहित विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिक और श्रोता मौजूद रहे।

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राज्य निर्वाचन आयुक्त, उत्तराखण्ड द्वारा आज दिनांक 11.03.2025 को आगामी त्रिस्तरीय पंचायतों के सामान्य निर्वाचन की तैयारियों हेतु  कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से जनपदों के प्रभारी अधिकारियों, पंचास्थानि चुनावालय एवं जिला पंचायतराज अधिकारियों की समीक्षा बैठक की गई। मा० आयुक्त महोदय द्वारा पंचायत निर्वाचक नामावली में विशेष अभियान द्वारा मतदाता सूची में नाम जोड़ने, संशोधन पर दिनांक 01 मार्च, 2025 से दिनांक 22 मार्च, 2025 तक चलने वाले विशेष अभियान की समीक्षा की गई, जिसमें जिला पंचायतराज अधिकारियों के माध्यम से प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंचायत निर्वाचक नामावली-2025 का प्रदर्शन कर सभी ग्रामवासियों को सम्मिलित करते हुए बैठक आयोजित की जा रही हैं। बैठक में संगणक / बी०एल०ओ० भी प्रतिभाग करेंगे तथा परिवर्द्धन / विलोपन /संशोधन हेतु फॉर्म प्राप्त करेंगे ताकि छूटे हुए पात्र मतदाताओं को अपना नाम निर्वाचक नामावली में सम्मिलित कराने का पूरा-पूरा अवसर मिल सके। मुख्य विकास अधिकारियों द्वारा अभियान की प्रगति से जनपदवार अवगत कराया गया। यह भी अवगत कराया गया कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं मीडिया की सहभागिता से विशेष प्रयास किये जांय कि मतदाता सूची का ग्राम स्तर पर अवलोकन करने एवं नाम जुड़वाने अथवा संशोधन हेतु सभी को समान एवं पर्याप्त अवसर प्राप्त हो।

मुख्य विकास अधिकारी, चमोली व टिहरी गढ़वाल एवं ऊधमसिंहनगर को मतदाता सूची की त्रुटियों को गंभीरता से लेने हेतु कहा गया एवं जिन दो विकास खण्डों में अधिक त्रुटि हो उनकी पूरी सूची का पुनः परीक्षण कर लें। जनपद नैनीताल व अल्मोड़ा की सराहना की गई।

इसके अतिरिक्त मतपेटिका, निर्वाचन सामग्री, मतदान केन्द्र / स्थल की स्थिति की भी समीक्षा की गई।