-वीर चंद्र सिंह गढवाली जी की पुण्यतिथि पर पीठसैंण, पौड़ी गढ़वाल में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया
-दीनदयाल उपाध्याय योजना के लाभार्थियों को चेक और घस्यारी कल्याण योजना, के लाभार्थियों को किट वितरित किए गए
देहरादून: वीर चंद्र सिंह गढवाली की पुण्यतिथि पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में पीठसैंण, पौड़ी गढ़वाल में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया। कार्यक्रम के चलते दीनदयाल उपाध्याय योजना के लाभार्थियों को चेक वितरित किए गए वहीं घस्यारी कल्याण योजना, के लाभार्थियों को किट वितरित किए गए। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट भी मौजूद रहे।
-वीर चंद्र सिंह गढ़वाली कर्म और धर्म दोनों से सैनिक थे
इस मौके पर वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को श्रद्धांजलि देते हुए रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली एक सच्चे सैनिक तो थे ही, साथ ही वे एक प्रखर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भी बढ़.चढ़कर हिस्सा लिया था। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली कर्म और धर्म दोनों से सैनिक थे।
-उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीरभूमि और तपोभूमि भी
इसके अलावा उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की धरती, भारत ही नहीं पूरी दुनिया में देवभूमि के नाम से जानी जाती है। मगर यह देवभूमि, एक वीरभूमि और तपोभूमि भी है। उत्तराखण्ड राज्य का गठन हुए बीस वर्ष ही हुए हैं परंतु यहां का इतिहास और परम्पराएं सदियों पुरानी हैं। कहाकि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली, माधो सिंह भण्डारी और तीलू रोतेली की बहादुरी के गीत गढ़वाल के गांव.गांव में गाए जाते हैं।
-अमृत महोत्सव के दौरान गढ़वाली जी की प्रतिमा का अनावरण सुखद संयोग
रक्षा मंत्री ने कहा कि गलवान में मातृभूमि की रक्षा के लिए हमारी सेना के वीर जवानों ने देश के मान सम्मान की रक्षा की। यह सुखद संयोग है कि आज जब वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी की प्रतिमा का अनावरण हो रहा है तो देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव भी मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले साढे सात वर्षों में मिशन मोड में काम हुआ है।
उन्होंने कहा कि चालीस साल तक देश के पूर्व सैनिकों को ओआरओपी के लिए इंतजार करना पड़ा। मगर मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ओआरओपी लागू कर दिया।
-प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत बना विकास का पुजारी
रक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के सामरिक महत्व को देखते हुए बीआरओ द्वारा यहां पर 1000 किमी लम्बी सड़कों के निर्माण पर काम चल रहा है। इन सड़कों के बन जाने से जहां सुरक्षा और सामरिक दृष्टि से देश को लाभ होगा वहां आर्थिक दृष्टि से प्रदेश की जनता को बहुत बड़ा लाभ होने वाला है। भारतीस सीमा के आखिरी गांव माना तक सड़क की ब्लेक टॉपिंग का काम चल रहा है जो जल्द ही पूरा हो जाएगा।
अब लिपुलेख के रास्ते मानसरोवर यात्रा पर जाना सुगम हो गया है। यह रास्ता आर्थिक और सामरिक दुष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह रास्ता भारत और नेपाल को और करीब लाने में सहायक होगा। नेपाल हमारे लिए केवल एक मित्र देश नहीं है बल्कि उसके साथ हमारा परिवार जैसा संबंध है। भारत शांति का पुजारी तो हमेशा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी अब भारत को विकास का पुजारी भी बना दिया है।