देहरादून: उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा रविवार को उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन में करनपुर गोली काण्ड के शहीद राजेश रावत व जोगीवाला गोली काण्ड के शहीद दीपक वालिया को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। आंदोलनकारी मंच के सदस्यों ने सुबह के 11.30 बजे रायपुर रोड़ स्थित शहीद राजेश रावत स्मारक पर पहुंचकर श्रद्धांजली सभा आयोजित की।
करनपुर गोली काण्ड के शहीद राजेश रावत एवं जोगीवाला गोलीकाण्ड के शहीद दीपक वालिया को श्रद्धांजली अर्पित करते हुए राज्य आन्दोलनकारियों ने सभी शहीदों के परिवार को न्याय दिलाने क़ी मांग की। राज्य आंदोलनकारी लालचन्द शर्मा व वीरेन्द्र पोखरियाल के साथ ही प्रदीप कुकरेती ने न्याय व्यवस्था और सरकारों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। कहा कि आखिर 27.वर्षो से न्याय क्यों नही मिला।
इस मौके पर शहीद राजेश रावत की माँ आनन्दी रावत ने कहा कि मेरी आंखे पथरा गई है कि हमें न्याय कब मिलेगा आज 27.वर्ष बाद भी हाथ खाली और बड़े बड़े नेता व पहुंच वालो को कैसे जल्द न्याय मिल जाता है।
वहीं रामलाल खंडूड़ी व जितेंद्र रावत (मोनी) ने कहा कि राजेश रावत व दीपक वालिया क़ी शहादत व्यर्थ नही जायेगी हमें मिलकर इस राज्य के चौमुखी विकास के लिए कार्य करना है।
श्रद्धांजली सभा के दौरान राज्य आंदोलनकारी मंच के सदस्यों ने उनकी शहादत पर दो अक्टूबर की घटना को याद करते हुए बताया कि, मुजफ्फरनगर गोली काण्ड की दर्दनाक घटना से अगले दिन देहरादून में राज्य आन्दोलनकारियों में उबाल आ गया। आंदोलनकारी उत्तरप्रदेश सरकार मुर्दाबाद उत्तरप्रदेश पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए जगह जगह से सड़को पर निकलने लगे।
इसी के तहत डीएवी महाविद्यालय की ओर से करनपुर में छात्रो व राज्य आंदोलनकारियो का हुजूम निकल पड़ा। काफी संख्या में राज्य आन्दोलनकारिय नारे लगाते हुए आगे बढ़ने लगे। तभी किसी ने पीछे से एक पत्थर फेका और तत्कलीन समाजवादी पार्टी के नेता के आवास पर भीड़ टूटने लगी।
वहीं दूसरी ओर जोगीवाला चौक में भी भीड़ नारे लगाते हुए सड़को पर आ गई। तभी पुलिस ने भी लाठी चार्ज शुरु कर दिया। जब भीड़ काबू में नही आई तो पुलिस ने गोली चला दी, जिसमे बद्रीपुर जोगीवाल का दीपक वालिया शहीद हो गया। इन दोनो घटनाओ ने देहरादून से लेकर पहाड़ो पर राज्य आन्दोलन में घी डालने का काम किया।
श्रद्धांजली सभा में शहीद राजेश रावत क़ी माँ आनन्दी रावत, हरेन्दर रावत, लालचंद शर्मा, प्रदीप कुकरेती, रामलाल खंडूड़ी, वीरेन्द्र पोखरियाल, पूरण सिंह लिंगवाल जितेन्द्र रावत (मोनी) दिनेश रावत, मोहन खत्री, सतेन्द्र नोगाई, बीर सिंह रावत, चन्द्र किरण राणा, सुमन भण्डारी, सुमित थापा (बन्टी) संजय थापा, रामेश्वरी कण्डवाल, ममता रावत, रजनी कण्डवाल, सरोज रावत, बिन्दु कण्डवाल, शकुन्तला रावत आदि मौजूद रहे।