विरासत महोत्सव का आयोजन कल मंगलवार से 29 अक्टूबर तक डॉ. बी आर अंबेडकर स्टेडियम, कौलागढ़ रोड, देहरादून का शुभारंभ पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज करेंगे जानिए सभी समाचार
15. दिवस विरासत आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल 2024 का शुभारंभ उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री माननीय सतपाल महाराज जी द्वारा किया जाएगा।
देहरादून-14 अक्टूबर 2024- रूरल एंटरप्रेन्योरशिप फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (रीच) कि ओर से राजपुर रोड स्थित एक होटल में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें संस्था के वरिष्ठ सदस्यों ने आयोजन के बारे में संपूर्ण जानकारी लोगो को दी। प्रेस वार्ता में रीच के संस्थापक एवं महासचिव आरके सिंह ने कहा ’विरासत – भारतीय और अंतरराष्ट्रीय लोक और शास्त्रीय नृत्य, संगीत, कला, शिल्प और भारत की व्यापक विरासत का जश्न मनाने वाला वार्षिक सांस्कृतिक महोत्सब है। यह महोत्सव 15 अक्टूबर, 2024 से डॉ. बीआर अंबेडकर स्टेडियम, कौलागढ़ रोड, देहरादून, उत्तराखंड में शुरू होगा। एक पखवाड़े तक चलने वाले उत्सव का समापन 29 अक्टूबर, 2024 को होगा l विरासत आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल 2024 का शुभारंभ उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री माननीय सतपाल महाराज जी द्वारा किया जाएगा। भारतीय परंपरा, सांस्कृति और विरासत को बनाए रखते हुए, महोत्सव में कारीगर और शिल्पकार इस मंच के माध्यम से अपनी लोक और शास्त्रीय कला का प्रदर्शन करेंगे।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए रीच संस्था संस्थापक एवं महासचिव आरके सिंह ने कहा ने कहा ” 15 दिवसीय कार्यक्रमों में सुबह और दोपहर के समय में विरासत साधना शामिल होंगी – जो देहरादून के स्कूलों और कॉलेजों के युवा और उभरते कलाकारों के लिए एक मंच है, जो अपनी प्रतिभा का मंचन करेंगे, मास्टर कारीगरों द्वारा एक शिल्प कार्यशाला, विंटेज कार एवं बाइक रैली, विरासत प्रश्नोत्तरी, फोटोग्राफी प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रम भी शामिल होंगे वही श्री के.एल.पांडेय, सोहेल हाशमी, अर्शिया सेठी जैसे विशेषज्ञों द्वारा संगीत और साहित्य पर बातचीत भी आकर्षण का केंद्र होगा।
उत्तराखंड के लोकप्रिय छोलिया नृत्य, चक्रव्यूह, गोवा के सांस्कृतिक लोक नृत्य, उत्तर प्रदेश और बिहार के लोक संगीत ओडिसी नृत्य के साथ-साथ कव्वाली, योगा, नेवी बैंड जैसे कार्यक्रम विभिन्न समूहों और कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए जाएंगे।
लोक और सूफी संगीत, ग़ज़ल, हिंदुस्तानी और कर्नाटक शास्त्रीय संगीत, साथ ही भरतनाट्यम और कथक जैसे नृत्य रूप और सरोद, तबला, बांसुरी, मैंडोलिन, वायलिन और पियानो पर प्रदर्शन के साथ वाद्य संगीत का भव्य कार्यक्रम इस साल दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देगा वही रागिनी शंकर, सोंगावर्ती दास, राजेंद्र गंगानी, अवनींद्र शेओलिकर, मालिनी अवस्थी, रुचिरा केदार, समन्वय सरकार, पंडित साजन मिश्रा और स्वरांश मिश्रा, मो. अनवर खान कव्वाल, शिंजिनी कुलकर्णी, ओंकार दादरकर, संस्कृति और प्रकृति वहने, प्रतिभा सिंह बघेल, अनोल चटर्जी, रोनू मजूमदार और शशांक सुब्रमण्यम, जवाद अली खान, वडालिस द्वारा सूफी गायन, प्रवीण गोडखिंडी, उस्मान मीर, अभिषेक लाहिड़ी, ब्रायन सिलास, महेश काले, मंजरी चतुर्वेदी, उषा उत्थुप जैसे लोक प्रिय कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देगें।
प्रेस वार्ता में रूरल एंटरप्रेन्योरशिप फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (रीच) कि ओर से जनरल सेक्रेटरी आर.के.सिंह, लोकेश ओहरी निदेशक प्रोग्राम , हरीश अवल ट्रस्टी, विजयश्री जोशी संयुक्त सचिव, सुनील वर्मा डायरेक्टर क्राफ्ट, प्रियंवदा अय्यर मीडिया प्रभारी, प्रदीप मैथल कार्यालय प्रशासक आदि मौजूद रहे।
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डम्पिंग जोन के सम्बन्ध में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की बीआरओ, एनएचआईडीसीएल एवं पीडब्ल्यूडी के साथ महत्वपूर्ण बैठक*
मानसून के दौरान हुए भूस्खलन या राष्ट्रीय राजमार्गो के निर्माण के दौरान उत्सर्जित मलबे के सुव्यवस्थित निस्तारण हेतु मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को डम्पिंग स्थलों हेतु भूमि चिहिन्त कर प्रस्ताव शासन को भेजने हेतु एक सप्ताह की समयसीमा दी है। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को डम्पिंग स्थलों हेतु राष्ट्रीय राजमार्गों पर प्राथमिकता से राजस्व भूमि चिहिन्त करने तथा राजस्व भूमि की अनुपलब्धता की दशा में वन भूमि को चिहिन्त करने के निर्देश दिए हैं। सीएस श्रीमती रतूड़ी ने डम्पिंग से सम्बन्धित एजेंसियों को निर्धारित मक डम्पिंग जोन में ही मलबे के निस्तारण के नियमों को सख्ती से पालन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने नियमों की अवहेलना करने वाली एजेंसियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने लोक निर्माण विभाग, बीआरओ तथा एनएचआईडीसीएल के अधीन विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गो में निर्माण के दौरान उत्सर्जित मलबे के निस्तारण हेतु पूर्व में चिन्हित मक डम्पिंग जोन के संतृप्त होने की दशा में उनके विस्तार की संभावनाओं के अध्ययन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने संतृप्त डम्पिंग जोन को कम्प्रेस करने की संभावनाओं पर कार्य करने निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को चिहिन्त मक डम्पिंग स्थलों पर मलबे के जमा के होने के बाद उसके उपयोग को लेकर कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ऐसे डम्पिंग स्थलों पर ग्रीन पैच विकसित करते हुए बांस के पौधारोपण के निर्देश दिए हैं। सीएस के निर्देशों के अनुसार ऐसे स्थलों पर तेजी से विकसित होने वाले वृक्षों का रोपण किया जाएगा, जो भविष्य में क्रैश बैरियर के रूप में उपयोगी सिद्ध होंगे।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने मक डम्पिंग जोन की आवश्यकता के सम्बन्ध में लोक निर्माण विभाग, बीआरओ तथा एनएचआईडीसीएल को अपनी रिपोर्ट के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों के साथ समन्वय तथा सयुंक्त निरीक्षण के निर्देश दिए है। सीएस ने एजेंसियों को डम्पिंग के सम्बन्ध में अगले पांच वर्षाे की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए चिन्हित भूमि के प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं, राजस्व विभाग एवं वन विभाग द्वारा जिला स्तर पर मक डम्पिंग हेतु स्थल चयनित किये जाने में जिलाधिकारियों को प्रभावी समन्वय एवं सयुंक्त निरीक्षण के निर्देश दिए हैं।
डम्पिंग से सम्बन्धित उक्त कार्यदायी संस्थाओं द्वारा उत्तराखण्ड में अगले पांच वर्षो की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कुल 81.99 हेक्टेयर भूमि की मांग रखी गई है। जिसमें वर्तमान में 55.69 हेक्टेयर भूमि तथा अगले पांच वर्षाें में 26.30 हेक्टेयर भूमि शामिल है।
बैठक में सचिव श्री पंकज कुमार पाण्डेय सहित लोक निर्माण विभाग, बीआरओ, एनएचआईडीसीएल एवं अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी तथा जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, टिहरी मौजूद रहे।
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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र, नींबूवाला, गढ़ी कैण्ट में “विश्व मानक दिवस“ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि आज हम एक ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा कर रहे हैं, जो हमारे आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सशक्त बनाने के साथ-साथ भारतीय उत्पादों को वैश्विक मानचित्र पर शीर्ष स्थान प्रदान कराने हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोई भी मानक केवल तकनीकी दिशा-निर्देश या मापदंड नहीं होते, बल्कि वे हमारे देश के विकास और आत्म निर्भरता की बुनियाद होते हैं। भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा स्थापित मानक हमारे उद्योगों, व्यापार और सेवाओं के प्रमाणीकरण की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये न केवल हमारे कार्यों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करते हैं, बल्कि देश के प्रत्येक नागरिक के जीवन को भी किसी न किसी रूप में प्रभावित करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में मानकों के इकोसिस्टम का व्यापक विस्तार हुआ है, जो अब कृषि, सड़क परिवहन, स्वास्थ्य और अन्य सेवाओं सहित लगभग सभी क्षेत्रों को समाहित करता है। सभी क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता, सुरक्षा और दक्षता के मानक लागू हों, जिससे हमारे जीवनस्तर में सुधार हो और अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल सके। मानक ये सुनिश्चित करते हैं कि भारतीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल सके और उनकी विश्वसनीयता बढ़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में “आत्मनिर्भर भारत“ का सपना साकार हो रहा है और इसमें भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा स्थापित मानकों की भूमिका भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। जब हम अपने उत्पादों को वैश्विक मानकों के अनुरूप तैयार करते हैं, तो हम न केवल उनकी गुणवत्ता को बढ़ाते हैं, बल्कि अपने उद्योगों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए भी सशक्त आधार प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का उद्देश्य है कि भारतीय उत्पाद अपनी गुणवत्ता, नवाचार और विश्वसनीयता के लिए पूरे विश्व में एक मिसाल स्थापित करें। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा 22 हजार से अधिक मानक निर्धारित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध एक सुंदर प्रदेश होने के साथ-साथ औद्योगिक और कृषि विकास में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसलिए हमारे राज्य में मानकों का पालन करने की अत्यधिक आवश्यकता है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि हम अपने पारंपरिक उत्पादों, जैसे हस्तशिल्प, जैविक कृषि उत्पाद, औषधीय जड़ी-बूटियाँ और अन्य स्थानीय उत्पादों के लिए भी उच्च मानक स्थापित करें। इससे हमारे उत्पादों की पहचान न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगी बल्कि वैश्विक स्तर पर भी हमारी ब्रांडिंग मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने “हाउस ऑफ हिमालयाज“ नाम से अम्ब्रेला ब्रांड की स्थापना की है, जो हमारे स्थानीय उत्पादों को विश्वस्तरीय पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने भारतीय मानक ब्यूरो के अधिकारियों से अपेक्षा की कि इन ब्रांड के मानकों का भी मापन हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के विश्व मानक दिवस की थीम एसडीजी-9 है, जो उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचे से संबंधित है।
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य के विभिन्न विभागों पीडब्ल्यूडी, एमडीडीए, यूपीसीएल और आपदा प्रबंधन विभाग के साथ समन्वय करते हुए, भारतीय मानक ब्यूरो ने इन सभी को मानकीकरण की दिशा में जागरूक और सशक्त किया है। यह पहल इन विभागों के कार्यों की गुणवत्ता और प्रभावशीलता को बढ़ाने में कारगर सिद्ध होगी। भारतीय मानक ब्यूरो ने देशभर के दस हजार से अधिक स्कूलों में स्टैंडर्ड क्लब स्थापित किए हैं, जिनके माध्यम से बच्चों में मानकों के प्रति जागरूकता फैलाई जा रही है। उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर तक मानकों के महत्व को पंहुचाने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो के प्रयासों की सराहना की।
कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि जीवन के किसी भी कार्यक्षेत्र में सफलता पाने के लिए जीवन में मानक बनाने जरूरी हैं। इसी तरह भारतीय मानक ब्यूरो भी विभिन्नि वस्तुओं और उत्पादों के मानकों का निर्धारण करता है। उन्होंने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो का मानकों के निर्धारण का महत्वपूर्ण कार्य है।
इस अवसर पर सचिव एवं आयुक्त खाद्य श्री हरि चन्द्र सेमवाल, महानिदेशक यू कॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत एवं संयुक्त निदेशक भारतीय मानक ब्यूरो श्री श्याम कुमार उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में सुप्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता श्री परेश रावल ने भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मों की शूटिंग के लिए अनेक डेस्टिनेशन है। उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में प्राकृतिक सौन्दर्यता से जुड़े अनेक स्थल है। राज्य का हर डेस्टिनेशन फिल्मांकन के लिए उपयुक्त है। आदि कैलाश, चकराता, माणा जैसे अनेक स्थल उत्तराखण्ड में हैं। राज्य में उत्तराखण्ड फिल्म नीति-2024 बनाई गई है। हिन्दी एवं संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं की फिल्मों को अनुदान राशि राज्य में व्यय कुल धनराशि का 30 प्रतिशत या अधिकतम 03 करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है। विदेशी फिल्मों और 50 करोड़ से अधिक बजट की फिल्मों पर राज्य में व्यय राशि का 30 प्रतिशत या अधिकतम 03 करोड़ तक का अनुदान दिया जा रहा है। राज्य की क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को राज्य में व्यय राशि का अधिकतम 02 करोड़ रूपये तक का अनुदान दिया जा रहा है। राज्य में फिल्मों की शूटिंग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम से अनुमति प्रदान की जा रही है।
इस अवसर पर फिल्म निर्देशक अनंत नारायण महादेवन, फिल्म प्रोड्यूसर अनूप पोड्डर, एश्वर्या मेशराम, शिवम यादव, कार्तिके यादव, डॉ. अंजलि नौरियाल सतीश शर्मा, संयुक्त निदेशक सूचना एवं उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. नितिन उपाध्याय उपस्थित थे।
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दशज्यूला क्षेत्र की दशकों पुरानी सड़क की लंबित मांग अब हुई पूर्ण*
*क्षेत्रवासियों ने मुख्यमंत्री का जताया आभार*
*रूद्रप्रयाग क्षेत्र का विकास हमारी प्राथमिकता-मुख्यमंत्री*
जनपद रूद्रप्रयाग के अन्तर्गत दशज्यूला क्षेत्र की कोटखाल-जगतोली मिसिंग मोटर मार्ग जरम्वाड तक मिलाने की स्वीकृति मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा 13 सितंबर 2024 को प्रदान की गई थी। दशकों से क्षेत्रवासी इस सड़क की मांग कर रहे थे। जगतोली दशज्यूला विकास महोत्सव 2024 को वर्चुअली संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने इस सड़क निर्माण की घोषण की थी। मुख्यमंत्री को बतौर मुख्य अतिथि इस कार्यक्रम में सम्मिलित होना था। किन्तु भारी वर्षा के कारण कार्यक्रम में शामिल नही हो पाए तथा उनके द्वारा वर्चुवल सम्बोधन में इस मोटर मार्ग की स्वीकृति की घोषणा की गई थी।
इस मोटर मार्ग की टेन्डर प्रकिया पूर्ण करते हुए आज 14 अक्टूबर, 2024 को मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा वर्चुअली विधिवत भूमि पूजन के फलस्वरुप कार्य प्रारंभ हो गया है। इस मोटर मार्ग से दशज्यूला काण्डई क्षेत्र के 30 से अधिक गांव को एवं तल्ला नागपुर क्षेत्र की जनता को इस मोटर मार्ग का लाभ मिलेगा साथ ही क्षेत्र की जनता को गौचर आवागमन में सुगमता होगी। इस बहुप्रतिक्षित मांग को पूरा करने पर क्षेत्रीय जनता द्वारा मुख्यमत्री श्री पुष्कर सिह धामी का धन्यवाद भी ज्ञापित किया गया।
मुख्यमंत्री ने वर्चुअल रूप से सभी क्षेत्रवासियों के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि रूद्रप्रयाग क्षेत्र का विकास हमारी प्राथमिकता है। राज्य सरकार प्रदेश को सतत विकास की दृष्टि से देश में एक अलग पहचान बना रहा है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र की पूर्व विधायक स्व. शैला रानी ने इस क्षेत्र के विकास और यहां के लोगों के कल्याण की हमेशा चिंता की। राज्य सरकार उनके सपनों को पूरा करने का लगातार प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल सहित हर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास हो रहा है। विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के जरिए प्रदेश के हर वर्ग का जीवन स्तर ऊपर उठाया जा रहा है। केदारनाथ एवं बद्रीनाथ धाम सहित विभिन्न पौराणिक स्थलों के पुनर्निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होने कहा कि केदारनाथ क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में विकास की धारा को अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना ही हमारा संकल्प है।
इस अवसर पर विधायक श्री भरत सिंह चौधरी, प्रदेश महामंत्री भाजपा श्री आदित्य कोठारी, जिलाध्यक्ष भाजपा श्री महावीर पंवार, अधिशासी अभियंता लो.नि.वि. श्री इन्द्रजीत बोस सहित बडी संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थित रही।
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शत्रु संपत्ति, मेट्रोपोल होटल परिसर, नैनीताल में सतही पार्किंग हेतु गृह मंत्रालय से मिली अस्थायी अनुमति*
*सीएम धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया*
*सीएम ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर किया था अनुरोध*
*नैनीताल, 14 अक्टूबर 2024:* गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मेट्रोपोल होटल परिसर, मल्लीताल, नैनीताल में खुले स्थान को सतही पार्किंग हेतु राज्य सरकार को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्रदान किया गया है। यह अनुमति व्यापक सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए अस्थायी और तदर्थ आधार पर दी गई है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है। सीएम ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर नैनीताल स्थित मेट्रोपोल होटल परिसर, मल्लीताल, नैनीताल में खुले स्थान को पार्किंग के लिए राज्य सरकार को अनुमति प्रदान किए जाने का अनुरोध किया था।
NOC में यह स्पष्ट किया गया है कि यह व्यवस्था माननीय न्यायालयों के निर्देशों के अनुसार होगी और शत्रु संपत्ति के निपटान या स्थायी हस्तांतरण के रूप में मान्य नहीं होगी। शत्रु संपत्ति पर किसी भी प्रकार की स्थायी संरचना बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
राज्य सरकार की नीति के अनुसार, पार्किंग स्थल के पट्टे से प्राप्त किराये की आय का 90% शत्रु संपत्ति अभिरक्षक (CEPI) को भेजा जाएगा, जो भारत की समेकित निधि (CFI) का हिस्सा बनेगा। साथ ही, गृह मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि सतही पार्किंग के लिए बोली प्रक्रिया में गृह मंत्रालय और कस्टोडियन के प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे। राज्य सरकार की नीति के अनुसार, पार्किंग स्थल को पट्टे पर देने से प्राप्त किराये की आय सबसे अधिक बोली लगाने वाले को दी जाएगी।
शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय से अनुमति मिलने के बाद इसका उपयोग पार्किंग के लिए हो सकेगा पूरी संपत्ति पर पार्किंग बनी तो इसकी क्षमता डेढ़ हजार वाहनों से अधिक होगी।
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वित्तीय वर्ष 2024-25 में भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय द्वारा राजस्व प्राप्ति में भारी वृद्धि, 2023-24 की तुलना में 78 प्रतिशत की वृद्धि*
वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहले छह महीनों (अप्रैल-सितम्बर) में भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय ने 456.63 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया है, जो पिछले वर्ष 2023-24 (माह अप्रैल-सितम्बर) की तुलना में 200.65 करोड़ रुपये अधिक है। यह वृद्धि 78 प्रतिशत के करीब है, जो राजस्व प्राप्ति के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है।
वर्ष 2022-23 में निदेशालय ने 472.25 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति की। वहीं, वर्ष 2023-24 में 645.42 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया था। यह राशि गत वर्ष (2022-23) की तुलना में 173.17 करोड़ रुपये अधिक है, जो लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा कुशल राजस्व प्रबंधन पर लगातार बल दिया जाता रहा है। उनके विजन के अनुरूप भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय द्वारा राजस्व प्राप्ति में लगातार इजाफा हुआ है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उपखनिज खनन नियमावली में सरलीकरण किया गया है, जिसके बाद खनन से राजस्व वसूली के रिकॉर्ड टूटने लगे हैं। इन सुधारों से न केवल खनन उद्योग में पारदर्शिता आई है, बल्कि राजस्व में भी बड़ा योगदान हुआ है।
भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय के निदेशक, श्री राजपाल लेघा ने बताया कि इस सफलता का श्रेय राज्य सरकार की नीतिगत सरलीकरण को जाता है। उत्तराखण्ड उपखनिज परिहार नियमावली के तहत ई-निविदा और ई-नीलामी के माध्यम से नए खनिज लॉटों का चिन्हिकरण और आवंटन किया गया, जिससे राजस्व में वृद्धि हुई। इसके अलावा, अवैध खनन, परिवहन और भंडारण की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाए गए और ई-रवन्ना पोर्टल की उन्नत निगरानी की गई।
खनन कार्य को अधिक पारदर्शी और सुदृढ़ बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा 45 माईन चौक गेट्स की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा, स्टोन क्रेशर्स और स्क्रीनिंग प्लांट्स में उपखनिज की आपूर्ति में भी सुधार हुआ है,
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*चौंतीसवां दिन*
14 अक्टूबर 2024
सत्याग्रह स्थल
राजघाट, वाराणसी
*न्याय के दीप जलाएं- 100 दिनी सत्याग्रह* आज 34 वें दिन में प्रवेश कर गया। आज छात्र -युवा संघर्ष वाहिनी के पूर्व साथी, जिला सर्वोदय मंडल के प्रतिनिधि एवं जमशेदपुर, झारखंड के निवासी *ओमप्रकाश* उपवास पर बैठे हैं। 74 आंदोलन के दौरान *जमशेदपुर के रीगल मैदान में आयोजित जयप्रकाश नारायण की सभा में शिरकत से ओमप्रकाश के जीवन की दिशा बदल गई*। उस सभा के दौरान मूसलाधार बारिश होती रही, न जेपी रुके और न श्रोता हिले, स्तब्ध सा होकर सुनते रहे। यह फिजा बन गई थी उस दौर की। भला कौन हृदय वाला इंसान इससे अछूता रहता।
आंदोलन से तो मानसिक रूप से जुड़ ही गए। आपातकाल के बाद वाहिनी से जुड़े। बोधगया का भूमि मुक्ति आंदोलन जब 1978 में शुरू हुआ तो वहां भी शामिल हुए। एक बार शामिल हुए तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। वहीं रम गए, वहीं जम गए। लगभग 9 बरस वही बिताया। अपने शुरुआती दिनों में गांवों में भूमिहीनों को संगठित करते रहे।आंदोलन के क्रम में सैंकड़ों साथियों पर दर्जनों मुकदमे हो गए थे। अब इसे सम्हालने की जरूरत लगी तो ओमप्रकाश इसमें लग गए। ए एन सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान और पटना विश्व विद्यालय के एक शोध अध्ययन में शोधार्थी के रूप में काम किया। *डंकल प्रस्ताव और गेट एग्रीमेंट के खिलाफ बने आजादी बचाओ आंदोलन और भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में भी समर्पित कार्यकर्ता की भूमिका रही*। नवभारत जागृति केंद्र के मार्फत रचनात्मक कार्य भी किया। चारों तरफ के माहौल से प्रभावित होकर एक संस्था का निर्माण किया पर स्वभाव से मेल न खाने के चलते उसे छोड़ दिया।
*ओमप्रकाश का व्यक्तित्व विनम्र और सलीकेदार है पर स्वभाव है आंदोलन प्रवण*।इसलिए राजघाट सत्याग्रह की खबर सुनी तो शामिल होने चले आए। सर्व सेवा संघ परिसर की घटना के बारे में पूछने पर बताते हैं कि *आर एस एस और भाजपा की विचारधारा ही ऐसे कुकर्मों का स्रोत है। यह वैचारिक अंतर को, मतभेद को दुश्मनी की हद तक ले जाकर निपटाते हैं*। विध्वंस और विभाजन इनकी विचारधारा के मौलिक तत्व हैं।संविधान, कानून, कोर्ट किसी चीज को ये नहीं मानते। *ये अपने लक्ष्य के लिए कुछ भी करने- व्यक्ति से लेकर कानून की हत्या को हमेशा तैयार रहते हैं।*
आज के सत्याग्रह में ओमप्रकाश के अलावा अनूप आचार्य, ललित नारायण मौर्य, विजय राकेश, जयेश पांडे, तारकेश्वर सिंह, महेंद्र कुमार, जोखन यादव, विजय राकेश, कमलेश सिंह, राकेश कुमार, सोम स्वामी, सूरज माते, सुशील कु सिंह, सुरेंद्र नारायण सिंह, सुरेश, शक्ति कुमार, नंदलाल मास्टर, रामधीरज, विद्याधर आदि शामिल रहे।रामधीरज* सर्व सेवा संघ
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आने वाली तारीख़ 20 अक्टूबर दिन रविवार को माननीय उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून के संयुक्त तत्वाधान में अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज लाखामंडल जिला देहरादून में एक बहुउद्देशीय शिविर का आयोजन किया जा रहा है ।
इस शिविर में माननीय उत्तराखंड उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायमूर्ति उपस्थित रहेंगे तथा देहरादून ज़िले की समस्त विभागों के अधिकारीगण भी उपस्थित होंगे जो अपनी सभी योजनाओं से आपको अवगत कराएँगे तथा अधिकतम योजनाओं का लाभ देंगे तथा विकलांग प्रमाण पत्र वह अन्य सभी प्रकार के प्रमाण पत्र भी इस शिविर में बनाए जाएंगे ।
इस शिविर में ग्राफिक ऐरा देहरादून की ओर से मेडिकल कैंप लगाया जाएगा जिसमें फिजीशियन ,हड्डी के डॉक्टर, कान और आँख के डॉक्टर ,महिला रोग विशेषज्ञ व दाँतों के डॉक्टर भी उपस्थित रहेंगे तथा शिविर में नि शुल्क शुगर, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन आदि की जाँच की जाएगी और ECG टेस्ट भी किया जाएगा तथा सभी को मुफ़्त में दवाइयां दी जाएंगी ।इसके अतिरिक्त शिविर में आँखों की जाँच करके निःशुल्क चश्मे प्रदान किए जाएंगे ।शिविर में सभी लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था भी रहेगी ।
शिविर में वरिष्ठ नागरिकों ,महिलाओं , विकलांगों ,श्रमिकों ,बच्चों आदि को सामग्रियों का वितरण किया जाएगा ।अतः सभी क्षेत्रवासियों से अनुरोध है कि वे आने वाली तारीख़ 20 अक्टूबर दिन रविवार को अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज लाखामंडल में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर शिविर का लाभ उठाएँ।
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जनमानस को अनावश्यक कार्यालयों के चक्कर कटवाने वालों पर होगी कार्यवाही-डीएम
जनता दर्शन/जनसुनवाई में आने वाली शिकायतों को गंभीरता से निस्तारण करें विभाग,
जनसेवक के रूप में अपनी जिम्मेदारी समझें अधिकारी, विभिन्न माध्यमों से प्राप्त शिकायतों पर शीघ्र हो निस्तारण की कार्यवाही।
देहरादून,14 अक्टूबर 2024(जि.सू.का.) आज कलेक्ट्रेट स्थित ऋषिपर्णा सभागार में जिलाधिकारी सविन बंसल ने जनता दर्शन/जनसुनवाई कार्यक्रम फरियादियों की समस्याओं को सुना। आज कुल 107 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमे भूमि कब्जा, अवैध अतिक्रमण,अवैध निर्माण,विधुत,पानी,सड़क निर्माण आदि से संबंधित प्राप्त हुईं। अधिकतर शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण करने के साथ ही अन्य समस्याओं के समाधान हेतु संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया।
जिलाधिकारी ने विकासनगर से आये फरियादी जीवन सिंह ने अपने दैवीय आपदा में क्षतिग्रस्त मकान के बदले से जिलाधिकारी को अवगत कराया। जिस पर जिलाधिकारी ने एसडीएम विकास नगर को एक हफ्ते में कार्यवाही से अवगत कराए जाने हेतु निर्देशित किया, साथ ही फरियादी से कहा कि समस्या का निस्तारण न हो तो सीधे उनसे मिलें फरियादी।
आराघर निवासी एक महिला ने डीएम से शिकायत करते हुए कहा कि पड़ोसी द्वारा सीवर लाईन बन्द की है जिससे उनको बड़ी परेशानी हो रही है वह महीनों से चक्कर लगा रही किन्तु समाधान नहीं हो पाया, जिस पर जिलाधिकारी ने जल संस्थान के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए सीवर खोलते हुए अगवत कराने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि छोटी-2 शिकायतों को विभाग अपने स्तर से निस्तारित करें, जनमानस को अनावश्यक परेशान करने तथा भटकाने वालों पर होगी कार्यवाही। वहीं राजपुर रोड निवासी एक महिला द्वारा शिकायत की गई की दबंगो द्वारा उनकी पारिवारिक दुकान पर कब्जा कर लिया है, जिसे उन्होंने वापस दिलाने का अनुरोध किया जिस पर डीएम ने जांच कर नियमानुसार प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए। वहीं एक महिला द्वारा परिजनों पर मानसिक शोषण की शिकायत की जिस पर डीएम ने सम्बन्धितों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने तथा महिला को वन स्टॉप सेन्टर में रखने के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास को दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि आमजन की शिकायतों और समस्याओं का समाधान करना ही उनकी सर्वाेच्च प्राथमिकता में शामिल है। जनता दर्शन/जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित करने का उद्देश्य भी यही है कि आमजनमानस की जो भी समस्या हैं उनका मौके पर ही त्वरित निस्तारण किया जाए।साथ ही कहा कि शिकायते लंबित ना पड़ी रहे, अधिकारी शिकायतों के समाधान के लिए कार्य करें।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, अपर नगर आयुक्त नगर निगम बीर सिंह बुदियाल, उप जिलाधिकारी हरिगिरि, उप जिलाधिकारी शालिनी नेगी, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ विद्याधर कापड़ी, जिला पूर्ति अधिकारी के.के अग्रवाल, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास जितेन्द्र कुमार सहित लोनिवि, एमडीडीए, सिंचाई, स्वास्थ्य, शिक्षा, नगर निगम, विद्युत, पेयजल निगम, जल संस्थान आदि सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे तथा उप जिलाधिकारी चकराता, विकासनगर, डोईवाला, ऋषिकेश, मसूरी आदि आनलाईन जुड़े रहे।
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राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने रविवार को हैदराबाद में स्थानीय महोत्सव “अलाई-बलाई” में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारे सांस्कृतिक, राजनीतिक या सामाजिक मतभेदों के बावजूद, हम सभी अपनी परंपराओं से जुड़े हुए हैं और एक साथ आने से हम एक समुदाय की तरह और भी मजबूत होते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि जिस तरह दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, उसी तरह अलाई–बलाई हमें विविधता में एकता और शांति व सद्भाव को अपनाने की प्रेरणा देता है। ऐसे उत्सव हमारे देश के समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की अनेकता में एकता की भावना को संजोए रखने के लिए हमें इन परंपराओं को जीवित रखना होगा।